Tuesday, June 30, 2020
Sunday, June 28, 2020
Saturday, June 27, 2020
Thursday, June 25, 2020
Wednesday, June 24, 2020
Tuesday, June 23, 2020
Sunday, June 21, 2020
Friday, June 19, 2020
Thursday, June 18, 2020
Tuesday, June 16, 2020
Monday, June 15, 2020
Sunday, June 14, 2020
Friday, June 12, 2020
Thursday, June 11, 2020
Saturday, June 6, 2020
Friday, June 5, 2020
हुज़ूर ﷺ के 40 उसूल
1- आप ﷺ ने फ़रमाया:
फ़ज्र और इशराक़, अस्र और मगरिब, मगरिब और इशा के दरमियान मत सोया करो!
02- आप ﷺ ने फ़रमाया:
बदबूदार व गन्दे लोगों के साथ न बैठा करो
03- आप ﷺ ने फ़रमाया:
उन लोगों के दरमियान न सोए जो सोने से पहले बातें करता हो!
04- आप ﷺ ने फ़रमाया:
उल्टे हाथ से न खाओ!
05- आप ﷺ ने फ़रमाया:
मुंह से खाना निकालकर न खाओ!
06- आप ﷺ ने फ़रमाया:
अपने खाने पर उदास न हुआ करो ये आ़दत हमारे अन्दर नाशुक्री पैदा करती हैं!
07- आप ﷺ ने फ़रमाया:
गर्म खाने को फूंक से ठण्ड़ा मत करो!
08- आप ﷺ ने फ़रमाया:
खाना अन्धेरे में मत खाओ!
09- आप ﷺ ने फ़रमाया:
खाने को सूंघा न करो, खाने को सूंघना बद तहज़ीबी होती हैं!
10- आप ﷺ ने फ़रमाया:
मुंह भर के न खाओ क्यूंकि इस से मैदे में जमादारी बढ़ जाता हैं!
11- आप ﷺ ने फ़रमाया:
हाथ से कडाके न निकालो (चटकाया न करो)!
12- आप ﷺ ने फ़रमाया:
जूते पहनने से पहले झाड़ लिया करो!
13- आप ﷺ ने फ़रमाया:
नमाज़ के दौरान आसमान की त़रफ़ न देखो!
14- आप ﷺ ने फ़रमाया:
रफ्ए ह़ाजत की जगह (Toilet) में मत थूको!
15- आप ﷺ ने फ़रमाया:
लकड़ी के कोयले से दांत साफ़ न करो!
16- आप ﷺ ने फ़रमाया:
अपने दांतों से सख़्त चीज़ मत तोड़ा करो!
17- आप ﷺ ने फ़रमाया:
हमेशा बैठ कर कपड़े तब्दील करो!
18- आप ﷺ ने फ़रमाया:
दुसरों के ऐ़ब तलाश मत करो!
19- आप ﷺ ने फ़रमाया:
बैतुलख़ला (Toilet) में बातें मत किया करो!
20- आप ﷺ ने फ़रमाया:
दोस्त को दुश्मन न बनाओ!
21- आप ﷺ ने फ़रमाया:
दोस्तों के बारे में झूठे किस्से बयान न किया करो!
22- आप ﷺ ने फ़रमाया:
ठहर कर साफ़ बोला करो ताकि बात दुसरे पूरी त़रह़ समझ जाए!
23- आप ﷺ ने फ़रमाया:
चलते हुए बार बार पीछे मुड़कर न देखो!
24- आप ﷺ ने फ़रमाया:
एड़ियां मार कर न चला करो, एड़ियां मार कर चलना तकब्बुर की निशानियों में से हैं!
25- आप ﷺ ने फ़रमाया:
किसी के बारे में झूठ न बोलो!
26- आप ﷺ ने फ़रमाया:
शैख़ी न बघारो!
27- आप ﷺ ने फ़रमाया:
अकेले सफ़र न किया करो!
28- आप ﷺ ने फ़रमाया:
अच्छे कामों में दुसरे की मदद किया करो!
29- आप ﷺ ने फ़रमाया:
फ़ैसले से पहले मशवरा ज़रूर किया करो, और मशवरा हमेशा समझदार के बजाए तजुर्बाकार शख़्स से करना चाहिए!
30- आप ﷺ ने फ़रमाया:
कभी गुरूर न करो, गुरूर एक ऐसी बुरी आ़दत हैं जिसका नतीजा कभी अच्छा नही निकलता!
31- आप ﷺ ने फ़रमाया:
ग़ुरबत में सब्र किया करो!
32- आप ﷺ ने फ़रमाया:
मेहमान की खुले दिल से ख़िदमत करो ये आ़दत हमारी शख़्सिय्यत में कशिश पैदा कर देती हैं!
33- आप ﷺ ने फ़रमाया:
बुरा करने वालों के साथ हमेशा नेकी करो!
34- आप ﷺ ने फ़रमाया:
अल्लाह तआ़ला ने जो दिया हैं उस पर खुश रहो!
35- आप ﷺ ने फ़रमाया:
ज़्यादा न सोया करो, ज़्यादा नींद याददाश्त को कमज़ोर कर देती हैं!
36- आप ﷺ ने फ़रमाया:
इक़ामत और अज़ान के बीच में गुफ्तगू मत किया करो!
37- आप ﷺ ने फ़रमाया:
अपनी कमियों पर ग़ौर किया करो और तौबा किया करो!
38- आप ﷺ ने फ़रमाया:
रोज़ाना कम से कम सौ बार अस्तग़फार किया करो!
39- आप ﷺ ने फ़रमाया:
अज़ान के वक़्त सब काम छोड़कर अज़ान का जवाब दिया करो!
40- आप ﷺ ने फ़रमाया:
पानी हमेशा बैठ कर पिया करो!
●सुब्हानल्लाह●
Thursday, June 4, 2020
इल्म हासील करना हर मुस्लमान पर फर्ज है।.
☆इल्म हासील करना हर मुस्लमान पर फर्ज है।......
``
♥अल-कुरआन: अल्लाह तआला यकीनन उन लोगो को जो तुम मे से इमान लाये। और जिन्होने इल्म हासील किया उनके दरजात बुलन्द कर के रहेगा।
{सुरह अल-मुजदिला(58): आयत 11}
``
♥इसी तरह इल्म की अहमियत और फजीलत के तअल्लुक से रसुलल्लाह (सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम) फरमाते है--
☆हदिस: "इल्म हासील करना हर मुस्लमान पर फर्ज है"
-(मिश्कात शरिफ)
``
☆हदिस: "इल्म हासील करना हर एक मुस्लमा (मर्द और औरत) पर फर्ज है".
(सुनन इब्न मजा, वो-1, हदिस-224,)
``
☆हदिस: "हर चिज का एक रास्ता है और जन्नत का रास्ता इल्म है।".
(के.उम्माल)
``
☆हदिस: "रात मे एक पल (घड़ी) के लिए इल्म पढ़ना पढ़ाना रात भर की इबादत से बेहतर है".
(दरामी, मिश्कात शरिफ, अनवारुल हदिस पेज-58)
``
☆हदिस: "इल्म की मज्लिस मे हाजीर होना 1000नफील पढ़ने से अफजल है".
(तफसिर रुहुल ब्यान,)
``
☆हदिस: "बेहतरिन सदका ये है की मुस्लमान आदमी इल्म हासील करे, फिर अपने मुस्लमान भाई को सिखाए".
(इब्ने मजा, जिल्द-1, सफा-158, हदिस-243,)
``
☆हदिस: "इल्म की तलब मे जिसके कदम खाक औलाद हो, अल्लाह उसके जिस्म पर जहन्नम हराम कर देगा और अल्लाह के फरिश्ते उसके लिए दुआ-ए-मगफिरत करेगें"
(तफसिर-ए-कबीर)
``
☆हदिस: "जो इल्म की तलाश मे किसी रास्ते पर चलता है, अल्लाह उसके लिए जन्नत का रास्ता असान फरमा देता है।".
(इब्ने मजा, जिल्द-1, पेज-145,)
``
☆हदिस: "जिस शख्स को इस हाल मे मौत आये की ओ इल्म हासिल कर रहा हो। ताकी इसके जरिए इस्लाम को जिन्दा कर सके (फैला सके) तो उस के और अम्बिया के दरमियान जन्नत मे सिर्फ एक दर्जा का फर्क होगा".
(मिश्कात शरिफ: हदिस-231)
``
♥अल्लाह रब्बुल इज्जत से दुआ है के। अल्लाह हम तमाम को बेशुमार इल्म और अमल की तौफिक दे।
बेशुमार शराई और दुनियावी इल्म की दौलत से नवाजे.....
(अल्लाहुम आमीन)
अल्लाह त'आला के 99 नाम और उनका मतलब
अल्लाह त'आला के 99 नाम और उनका मतलब,
01- अल्लाह (सबसे बड़ा नाम)
02- अर रहमान (बहुत रहम वाला)
03- अर रहीम (बहुत बड़ा मेहरबान)
04- अल मलिक (हक़ीक़ी बादशाह )
05- अल कुद्दूस (बहुत ज़्यादा पाक)
06- अस सलाम (सलामती वाला)
07- अल मुअमिन (अमन देने वाला)
08- अल मुहैमिन (निगहबान)
09- अल अज़ीज़ (इज़्ज़त के काबिल)
10- अल जब्बार (ज़बरदस्त)
11- अल मुतकब्बिर (बड़ाई वाला)
12- अल ख़ालिक़ (पैदा करने वाला)
13- अल बारी (सूरत बनाने वाला)
14- अल मुसव्विर (सूरत देने वाला)
15- अल गफ़्फ़ार (बड़ा बख़्शने वाला)
16- अल कह्हार (क़हर करने वाला)
17- अल वह्हाब (बहुत ज़्यादा देने वाला)
18- अर रज़्ज़ाक (रोज़ी देने वाला)
19- अल फत्ताह (खोलने वाला)
20- अल अलीम (जानने वाला)
21- अल काबिज़ (कब्ज़ा करने वाला)
22- अल बासित (फ़र्राखी देने वाला)
23- अल ख़ाफ़िज़ (गिराने वाला)
24- अर राफ़िअ (उठाने वाला)
25- अल मुइज़ (इज़्ज़त देने वाला)
26- अल मुज़िल (ज़लील करने वाला)
27- अस समीअ (सुनने वाला)
28- अल बसीर (देखने वाला)
29- अल हकम (फ़ैसला देने वाला)
30- अल अद्ल (इंसाफ करने वाला)
31- अल लतीफ़ (नरमी करने वाला)
32- अल ख़बीर (ख़बर रखने वाला)
33- अल हलीम (बुर्दबार)
34- अल अज़ीम (बहुत बड़ा)
35- अल ग़फ़ूर (बार बार बख़्शने वाला)
36- अश शकूर (बहुत अज्र देने वाला)
37- अल अली (बहुत बुलन्द)
38- अल कबीर (बहुत बड़ा)
39- अल हफ़ीज़ (संभालने वाला)
40- अल मुकीत (रोज़ी देने वाला)
41- अल हसीब (हिसाब लेने वाला)
42- अल जलील (बुज़ुर्गी वाला)
43- अल करीम (बड़ा सख़ी)
44- अर रक़ीब (निगहबान)
45- अल मुजीब (दुआ कुबूल करने वाला)
46- अल वासिअ (कुशादगी वाला)
47- अल हक़ीम (हिकमत वाला)
48- अल वदूद (भलाई चाहने वाला)
49- अल मजीद (बड़ी शान वाला)
50- अल बाइस (उठाने वाला)
51- अश शहीद (गवाह)
52- अल हक़ (सच्चा और साबित)
53- अल वकील (कारसाज़)
54- अल क़वी (ताक़तवर)
55- अल मतीन (ज़बरदस्त क़ुव्वत वाला)
56- अल वली (मददग़ार)
57- अल हमीद (तारीफ़ किया गया)
58- अल मुह्सी (गिनती करने वाला)
59- अल मुब्दी (पहले पहल पैदा करने वाला)
60- अल मुईद (दोबारा पैदा करने वाला)
61- अल मुहयी (ज़िन्दा करने वाला)
62- अल मुमीत (मारने वाला)
63- अल हैय् (हमेशा ज़िन्दा रहने वाला)
64- अल कय्यूम (दुनिया क़ायम रखने वाला)
65- अल वाजिद (हर चीज़ को पालने वाला)
66- अल माजिद (बड़ी इज़्ज़त वाला)
67- अल वाहिद (अकेला)
68- अल अहद (एक)
69- अस समद (जो किसी का मोहताज न हो)
✴70- अल क़ादिर (क़ुदरत रखने वाला)
✴71- अल मुक़्तदिर (पूरी क़ुदरत रखने वाला)
✴72- अल मुक़द्दिम (आगे करने वाला)
✴73- अल मुअख्खिर (पीछे करने वाला)
✴74- अल अव्वल (सबसे पहले)
✴75- अल आख़िर (सब के बाद)
✴76- अज़्ज़ाहिर (सब पर ज़ाहिर)
✴77- अल बातिन (सबसे पोशीदा)
✴78- अल वाली (हक़ीक़ी मालिक)
✴79- अल मुतआली (बहुत ही बुलन्द)
✴80- अल बर्र (तमाम नेकी के जरिया)
✴81- अत तव्वाब (तौबा क़ुबूल करने वाला)
✴82- अल मुन्तकिम (इन्तिक़ाम लेने वाला)
✴83- अल अफूव (दरगुज़र करने वाला)
✴84- अर रऊफ (शफ़क़त करने वाला)
✴85- मालिकुल मुल्क (बादशाहत का मालिक)
✴86- जुल जलालि वल इकराम (इज़्ज़त और बुलंदी अता करने वाला)
✴87- अल मुक़सित (इंसाफ़ करने वाला)
✴88- अल जामिअ (जमा करने वाला)
✴89- अल ग़नी (किफ़ायत करने वाला)
✴90- अल मुग़नी (बेपरवाह करने वाला)
✴91- अल मानिअ (रोकने वाला)
✴92- अज़ ज़ार (नुकसान पहुँचाने वाला)
✴93- अन नाफ़िअ (नफ़ा पहुँचाने वाला)
✴94- अन नूर (मुनव्वर करने वाला)
✴95- अल हादी (रास्ता दिखाने वाला)
✴96- अल बदीअ (बेमिसाल पैदा करने वाला)
✴97- अल बाक़ी (बाक़ी रहने वाला)
✴98- अल वारिस (हक़ीक़ी वारिस)
✴99- अर रशीद (सीधी राह दिखाने वाला)
Wednesday, June 3, 2020
आलाहज़रत जात वो ज़ीशान हे
*🌹🌹🌹यवमे विलादत: 10 शव्वाल*
*हस्सानुल हिन्द,आला हजरत अश्शाह ईमाम अहमदर
*आलाहज़रत जात वो ज़ीशान हे*
*हिंद में अहमद रजा ज़ीशान हे*
*कुरआनो सुन्नत पे हे गेहरी नजर*
*इसलिये वो मुफ्ती भी ज़ीशान हे*
*वो मुहाफिज बनके चमका हिंद में*
*सुन्नीयत का पासबां ज़ीशान हे*
*सुन्नियों का काफिला बेहके भला*
*जब अमीरे कारवां जीशान हे*
*एक एक फतवा हे उनका लाजवाब*
*ये अताए नबविया ज़ीशान हे*
*अपने तो अपने हें दुश्मन भी कहें*
*इल्मो फन का एक जहाँ ज़ीशान हे*
*हीफ्जे इमां की ज़मानत बिल्यक़ीं*
*तर्जुमा कन्जे इमां जीशान हे*
*दामने अहमद रज़ा में ले पनाह*
*क्यों के इमरान रिश्ता ये ज़ीशान हे*
अज📝
*मुहम्मद इमरान नजमी जंघारवी*
*खादिम मदीना मस्जिद*
*लुसाका (ज़ाम्बीआ)*
fb.com/imranpatel
fb.com/moulanaimranpatel
twitter.com/Imranptl1
Instagram.com/moulanaimranpatel
Subscribe to:
Posts (Atom)
-
روایت میں ہے کہ حضرت شیخ احمد زندہ علیہ الرحمہ شیر پر سواری کیا کرتے تھے اور جب اولیاء کرام کے پاس جاتے ان کے مہمان بنتے تو آپ کے شیر ک...
-
"बद्र" मदिनए मुनव्वरह से तक़रीबन 80 मिल के फासिले पर एक गाउ का नाम है यहां एक कुआ भी था जिस के मालिक का नाम "बद्र" था...