Thursday, June 4, 2020

इल्म हासील करना हर मुस्लमान पर फर्ज है।.


☆इल्म हासील करना हर मुस्लमान पर फर्ज है।......
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अल-कुरआन: अल्लाह तआला यकीनन उन लोगो को जो तुम मे से इमान लाये। और जिन्होने इल्म हासील किया उनके दरजात बुलन्द कर के रहेगा।
{सुरह अल-मुजदिला(58): आयत 11}
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♥इसी तरह इल्म की अहमियत और फजीलत के तअल्लुक से रसुलल्लाह (सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम) फरमाते है--
☆हदिस: "इल्म हासील करना हर मुस्लमान पर फर्ज है"
-(मिश्कात शरिफ)
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☆हदिस: "इल्म हासील करना हर एक मुस्लमा (मर्द और औरत) पर फर्ज है".
(सुनन इब्न मजा, वो-1, हदिस-224,)
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☆हदिस: "हर चिज का एक रास्ता है और जन्नत का रास्ता इल्म है।".
(के.उम्माल)
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☆हदिस: "रात मे एक पल (घड़ी) के लिए इल्म पढ़ना पढ़ाना रात भर की इबादत से बेहतर है".
(दरामी, मिश्कात शरिफ, अनवारुल हदिस पेज-58)
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☆हदिस: "इल्म की मज्लिस मे हाजीर होना 1000नफील पढ़ने से अफजल है".
(तफसिर रुहुल ब्यान,)
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☆हदिस: "बेहतरिन सदका ये है की मुस्लमान आदमी इल्म हासील करे, फिर अपने मुस्लमान भाई को सिखाए".
(इब्ने मजा, जिल्द-1, सफा-158, हदिस-243,)
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☆हदिस: "इल्म की तलब मे जिसके कदम खाक औलाद हो, अल्लाह उसके जिस्म पर जहन्नम हराम कर देगा और अल्लाह के फरिश्ते उसके लिए दुआ-ए-मगफिरत करेगें"
(तफसिर-ए-कबीर)
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☆हदिस: "जो इल्म की तलाश मे किसी रास्ते पर चलता है, अल्लाह उसके लिए जन्नत का रास्ता असान फरमा देता है।".
(इब्ने मजा, जिल्द-1, पेज-145,)
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☆हदिस: "जिस शख्स को इस हाल मे मौत आये की ओ इल्म हासिल कर रहा हो। ताकी इसके जरिए इस्लाम को जिन्दा कर सके (फैला सके) तो उस के और अम्बिया के दरमियान जन्नत मे सिर्फ एक दर्जा का फर्क होगा".
(मिश्कात शरिफ: हदिस-231)
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♥अल्लाह रब्बुल इज्जत से दुआ है के। अल्लाह हम तमाम को बेशुमार इल्म और अमल की तौफिक दे।
बेशुमार शराई और दुनियावी इल्म की दौलत से नवाजे.....
(अल्लाहुम आमीन)

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