अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फरमाया: "अल्लाह के फैसले पर राज़ी होना मनुष्य की अच्छ़ाई (अच्छ़ी क़िस्मत) है, अल्लाह से अच्छाई ना मांगना मनुष्य की बुराई (बुरी क़िसमत) है, और अल्लाह के फैसले पर नाराज़ होना (भी) मनुष्य की बद बख्ती (बुरी क़िसमत) है।"
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