Friday, July 31, 2020
" क़ुरबानी के जानवर की कौनसी चीज़े खाना मना है " ??
" क़ुरबानी के जानवर की कौनसी चीज़े खाना मना है " ??
🖊 इमामे अहले सुन्नत मुजद्दीद,मुहक़्क़ीक़,मुफ़्ती अल्लामा मौलाना अश्शाह इमाम अहमद रज़ा ख़ान रहमतुल्लाह अलैह ने अपनी किताब फ़तावा रज़विया के जिल्द (नई एडिशन) नम्बर 20 में पेज 233 से 241 तक ख़ुलासा करके फ़रमाया है कि :-
हलाल जानवर की सब चीज़ें खा सकते है..मगर 22 चीज़े ऐसी है जिन्हें नही खाना चाहिए..इनमे कुछ को खाना हराम कुछ को नाजाइज़ कुछ को मकरूह और कुछ मना है...
📝 1, रगों (नसों) का ख़ून , 2, दिल का ख़ून, 3, जिगर और कलेजे का ख़ून, 4, गोश्त का वह ख़ून जो गोश्त से ज़िबह के बाद निकलता है, 5, तिल्ली का ख़ून, 6, नर का ख़ास अंग (शर्मगाह,लिंग), 7, मादा का ख़ास अंग, 8, दोनों कपुरे, 9, गदूद, 10, मसाना (मूत्राशय), 11, पित्त (पिला कड़वा पानी), 12, पित्ता, 13, गर्दन के 2 पुट्ठे जो कंधों तक खिंचे हुवे होते है, 14, हराम मग़ज़(रीढ़ की हड्डी का गूदा), 15, नाक की रेंठ, 16, पख़ाना का मक़ाम (Anus) 17, आंते, 18, ओझड़ी, 18,मनी (वीर्य,Sperm), 20,वीर्य जो बच्चे दानी में ख़ून बन जाये, 21, वीर्य जो बच्चे दानी में ख़ून बनने के बाद लोथड़ा बन जाये, 22, पूरा बच्चा जो मरा हुवा निकले या ज़िबह के बग़ैर मर जाये...
✏ Note :- आला हज़रत का एक ज़बानी जवाब अलमलफूज़ में पेज 461 पर है कि " गुर्दे (Kidney) खाना जाइज़ है (खा सकते है) मगर अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने ख़ुद पसंद न फ़रमाया क्योंकि पेशाब गुर्दे से होकर ही मसाने में जाता है...
🖌📚:-
(फ़तावा रज़विया शरीफ़, जिल्द-20,पेज 233 से 241 तक)
आला हज़रत इमाम अहमद रज़ा बरेलवी रदिअल्लाहु अन्हु तहरीर फरमाते है ओझड़ी आंतें जिन का खाना मकरूह है तकसीम न की जाये बल्कि दफ़न करदी जाये और अगर भंगी उठाले मना की हाजत नहीं
(फतावा ऐ रज़विया शरीफ जिल्द शशम सफा 167)
लिहाज़ा हम अल्हम्दुलिल्लाह मुसलमान है अल्लाह के हुक्म पर ज़िन्दगी गुज़ारने वाले है अल्लाह पाक है और पाकी को पसंद फ़रमाता है इसीलिए मेरी तमाम भाइयो से इल्तिजा है की ये पोस्ट शेयर करे और सबको बताये की नापाक चीज़े दफ्न करने के लिए है खाने के लिए नही........
वल्लाहु तआला अअलमु बिस्सवाब
Thursday, July 30, 2020
Monday, July 27, 2020
Sunday, July 26, 2020
Saturday, July 25, 2020
क़ुरबानी के जानवर
क़ुरबानी के लिए बकरे की कम से कम 1 वर्ष, गाय की 2 वर्ष एवं ऊंट की 5 वर्ष है। इस से कम कम उम्र वाले जानवर की क़ुरबानी श्रेष्ठ नहीं। 6 महीने का दुंबा यदि इतना मोटा और लम्बा हो के 1 वर्ष के बकरे के बराबर दिखाई देता हो तो इस की क़ुरबानी श्रेष्ठ है।
Wednesday, July 22, 2020
ઝિલ હજજા કે દિનો કી ફઝીલત
ઝિલ હજજા કે દિનો કી ફઝીલત
રિવાયત હે કે હઝરત મુસા અલયહિસ્સલામ ને અલ્લાહ તઆલા કી બારગાહ મે અર્ઝ કિયા કે અય મેરે રબ.! મૈં ને તેરી બારગાહ ઇલ્તેજા કી થી ( તું અપને જમાલે જહાં આરા કા મુશાહિદા કરા) તો તુને મેરી યે આરઝુ કુબુલ ના ફરમાંઇ. - અબ મુજે ઐસી દુઆ સીખા જીસકે સાથ મૈં તુજે પુકારૂ તો અલ્લાહ તઆલા ને મુસા અલયહિસ્સલામ કી તરફ વહી ફરમાઇ ઔર ફરમાયા ! અય મુસા જબ ઝિલ હજજ કે દસ દાખીલ હો જાએ તો તુ પળ્હા કર લાઇલાહ ઇલ્લલ્લાહ તો મૈં તેરી હાજત પુરી કર દુંગા - હઝરતે મુસા ને અર્ઝ કિયા અય અલ્લાહ.! યે તો તેરે તમામ બંદે પળ્હતે હેં - મુજે કોઇ ખાસ દુઆ સીખા તો અલ્લાહ તઆલા ને ફરમાયા અય મુસા ! ઇન દિનો મેં જીસને એક મર્તબા લાઇલાહ ઇલ્લલ્લાહ પળ્હ લીયા તો અગર સાત આસ્માન ઔર સાત જમીન તરાઝુ કે એક પલડે મેં રખ દિયે જાએ ઔર દુસરે પલડે મેં લાઇલાહ ઇલ્લલ્લાહ રખ દિયા જાએ તો લાઇલાહ ઇલ્લલ્લાહ વાલા પલડા ઇન તમામ સે વજની હોગા.
Tuesday, July 21, 2020
क़ुर्बानी के दिनो मैं बाल और नाखून काटना
क़ुर्बानी के दिनो मैं बाल और नाखून काटना
सवाल :
जिन मर्द औरत पर क़ुर्बानी वाजिब है
उनको चांद रात से पहले कोनसा अमल करना चाहिए
और जिन्के ज़िम्मे नहीं अनके लिए क्या हुकम
जवाब
बाल व नाखून कटवने का हुकम
हदीस नबी-ए-करीम ﷺ
ने फरमाया जिसने ज़िलहिज्जा (बकरा ईद) का चांद देख लिया
और उसका इरादा कुर्बानी का है जबतक कुर्बानी न करले बाल और नाखून न काटे
(मुस्लिम शरीफ़, तिर्मिज़ी शरीफ़, नसाई शरीफ़)
मसला:
जिनका कुर्बानी करने का इरादा है तो उसके लिए मुस्ताहब है चांद देखने के बाद नाखून और बाल ना काटे
मसला:
अगर किसी शख्स ने 31 दिन से किसी उजर(मजबूरी) की वजाह से
चाहे बिला मजबूरी के शर्मगाह (गुप्त अंग) और बगल के बाल ना काटे
और बकरा ईद का चांद दिख गया हो और वो कुर्बानी का इरादा रखता हो तो वो शख्स इस मुस्तहब अमल पर भी अमल नहीं कर सकता क्यूकि जबतक ईद होगी उसे बाल काटे
41 दिन होजाएंगे और 40 दिन से ज्यादा देरी करना हराम है (मिरातुल मनाजिह जिल्द 2)
मसला:
जिसे दुसरे या तिसरे दिन कुर्बानी करनी है उसके लिऐ बहतर ये है कि दुसरे या तिसरे दिन कुरबानी के बाद बाल व नाखून काटे
मसला:
ईद की नमाज के बाद क़ुर्बानी से पहले नाखून और
बाल कटवा लिये तब कोई हरज नही
(जो क़ुरबानी की ताक़त न रखते हो उसकी कुर्बानी)
हदीस: रावी हज़रत अब्दुल्लाह बिन उमर (रदियल्लाहु तआला अन्हु)
एक शख्स ने अर्ज़ किया रसूल अल्लाह ﷺ मुझे ये बताए कि अगर मेरे पास मेन्हा के
सिवा कोई जनवर न हो तो क्या उसकी क़ुर्बानी करदूँ
(मेन्हा उस जानवर को कहते हैं
जो दुसरे ने उसे इसलिए दिया है कि कुछः दिनो
उसके दुध वगेरह से फायदा उठाये फिर उसके मालिक को वापस करदे)
नबी-ए-करीम ﷺ नहीं
लेकिन तुम अपने बाल और नाखून न
कटवाओ और मोये ज़ेरे नाफ़ (गुप्ता आंग) के बाल
न काटो इसमे तुमहारी कुर्बानी
खुदा ए ताला के नज़दीक पूरी होजायगी
यानी जिसको क़ुर्बानी की तौफ़ीक़ न हो तो उसे इन चीज़ों के करने से कुर्बानी का सवाब मिलेगा
(अबू दाउद शरीफ, नसाई शरीफ)
अल्लाह हम सबको
इन सभी इस्लामी मसाइल पर अमल कारने की तौफ़ीक़ अता फरमाए आमीन
Monday, July 20, 2020
Saturday, July 18, 2020
Thursday, July 16, 2020
Wednesday, July 15, 2020
Tuesday, July 14, 2020
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Sunday, July 5, 2020
Friday, July 3, 2020
Thursday, July 2, 2020
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