🖊 इमामे अहले सुन्नत मुजद्दीद,मुहक़्क़ीक़,मुफ़्ती अल्लामा मौलाना अश्शाह इमाम अहमद रज़ा ख़ान रहमतुल्लाह अलैह ने अपनी किताब फ़तावा रज़विया के जिल्द (नई एडिशन) नम्बर 20 में पेज 233 से 241 तक ख़ुलासा करके फ़रमाया है कि :-
हलाल जानवर की सब चीज़ें खा सकते है..मगर 22 चीज़े ऐसी है जिन्हें नही खाना चाहिए..इनमे कुछ को खाना हराम कुछ को नाजाइज़ कुछ को मकरूह और कुछ मना है...
📝 1, रगों (नसों) का ख़ून , 2, दिल का ख़ून, 3, जिगर और कलेजे का ख़ून, 4, गोश्त का वह ख़ून जो गोश्त से ज़िबह के बाद निकलता है, 5, तिल्ली का ख़ून, 6, नर का ख़ास अंग (शर्मगाह,लिंग), 7, मादा का ख़ास अंग, 8, दोनों कपुरे, 9, गदूद, 10, मसाना (मूत्राशय), 11, पित्त (पिला कड़वा पानी), 12, पित्ता, 13, गर्दन के 2 पुट्ठे जो कंधों तक खिंचे हुवे होते है, 14, हराम मग़ज़(रीढ़ की हड्डी का गूदा), 15, नाक की रेंठ, 16, पख़ाना का मक़ाम (Anus) 17, आंते, 18, ओझड़ी, 18,मनी (वीर्य,Sperm), 20,वीर्य जो बच्चे दानी में ख़ून बन जाये, 21, वीर्य जो बच्चे दानी में ख़ून बनने के बाद लोथड़ा बन जाये, 22, पूरा बच्चा जो मरा हुवा निकले या ज़िबह के बग़ैर मर जाये...
✏ Note :- आला हज़रत का एक ज़बानी जवाब अलमलफूज़ में पेज 461 पर है कि " गुर्दे (Kidney) खाना जाइज़ है (खा सकते है) मगर अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने ख़ुद पसंद न फ़रमाया क्योंकि पेशाब गुर्दे से होकर ही मसाने में जाता है...
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(फ़तावा रज़विया शरीफ़, जिल्द-20,पेज 233 से 241 तक)
आला हज़रत इमाम अहमद रज़ा बरेलवी रदिअल्लाहु अन्हु तहरीर फरमाते है ओझड़ी आंतें जिन का खाना मकरूह है तकसीम न की जाये बल्कि दफ़न करदी जाये और अगर भंगी उठाले मना की हाजत नहीं
(फतावा ऐ रज़विया शरीफ जिल्द शशम सफा 167)
लिहाज़ा हम अल्हम्दुलिल्लाह मुसलमान है अल्लाह के हुक्म पर ज़िन्दगी गुज़ारने वाले है अल्लाह पाक है और पाकी को पसंद फ़रमाता है इसीलिए मेरी तमाम भाइयो से इल्तिजा है की ये पोस्ट शेयर करे और सबको बताये की नापाक चीज़े दफ्न करने के लिए है खाने के लिए नही........
वल्लाहु तआला अअलमु बिस्सवाब
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