Monday, March 30, 2020

नाफरमानों का अंजाम

अल्लाह ने नाफ़रमान क़ोमों पर तरह तरह के अज़ाब नाजिल किये किसी की शक्ल तब्दील हो गई कोई पानी में गरकाब हो गया किसी क़ोम पर चुहों का अज़ाब आया और ताऊन के मर्ज़मे मुब्तिला हो कर मरते चले गए कहीं मेंढकों की कसरत हो गई के लोग आज़िज़ आ गए और कहीं नाफरमानों के लिये पानी खून में बदल जाता वो प्यासे मर जाते लेकिन मुसलमानों पर ऐसा कोई अज़ाब नहीं आनेवाला उसकी वजह फकत ये ठहरी के हम अल्लाह के आखरी नबी के उम्मती हें वरना आमाल तो हमारे शायद नाफ़रमान क़ोमों जैसे हें हमारी शक्लें ओर सूरतें तो नहीं बदली लेकिन हम जैसे नफरमानों के लिए अल्लाह के अज़ाब की शक्लें बदल गई. 

Friday, March 27, 2020

तमाम बीमारीयों हीफाजत की दुआ


तौबा ओर इस्तीगफार


दिन और दुनिया में कामयाबी और आखिरत में नजात का पहला कदम और आखरी सहारा तौबा इस्तेगफार है क्योंकि उसके सिवा कोई चारा नहीं कि इंसान अल्लाह के हुजूर अपने गुनाहों कोताहीयों और नाफरमानी पर माफी मांगता रहे और उसकी मगफिरत तलब करता रहे क्योंकि गुनाह व नाफरमानी उनको दुनिया और आखिरत में हिलाकत ओर तबाही की तरफ ले जाती हैं उसके खिलाफ तौबा और इस्तिगफार इताअत की तरफ ले जाते हैं और तर्के गुनाह की तरगिब देती हैं जो क़ुर्बे इलाही का बाइस बन जाती है,लिहाजा हर मुसलमान को चाहिए कि वह कसरत से रब की बारगाह में तौबा और इस्तिगफार करें और हमेशा रब की रहमत के उम्मीदवार हो!

Sunday, March 15, 2020

दुआऐ ज़ुन-नून

✦ साद रदी अल्लाहू अन्हु से रिवायत है की रसूल-अल्लाह सल-अल्लाहू अलैही वसल्लम ने फरमाया क्या मैं तुमको ऐसी दुआ ना सिखाऊ जिसको कोई रंज और गम और आज़माईश में मुब्तला शख्स पढ़े तो उसकी तकलीफ़ दूर हो जाए , उन्होने कहा ज़रूर सिखाईये तो आप सल-अल्लाहू अलैही वसल्लम ने फरमाया वो दुआ ज़ुन-नून (मछली वाले यानी यूनुस अलैही सलाम ) की है
لَّا إِلَـٰهَ إِلَّا أَنتَ سُبْحَانَكَ إِنِّي كُنتُ مِنَ الظَّالِمِينَ
ला इलाहा इल्ला अन्ता सुबहानका इन्नी कुन्तु मिन अज़ ज़ालिमिन
(या अल्लाह) तेरे सिवा कोई इबादत के लायक़ नही , तू पाक है (और) बेशक में क़ुसूरवार हूँ
अल सिलसिला अस साहिहा 2784, मसनद अहमद )