✦ साद रदी अल्लाहू अन्हु से रिवायत है की रसूल-अल्लाह सल-अल्लाहू अलैही वसल्लम ने फरमाया क्या मैं तुमको ऐसी दुआ ना सिखाऊ जिसको कोई रंज और गम और आज़माईश में मुब्तला शख्स पढ़े तो उसकी तकलीफ़ दूर हो जाए , उन्होने कहा ज़रूर सिखाईये तो आप सल-अल्लाहू अलैही वसल्लम ने फरमाया वो दुआ ज़ुन-नून (मछली वाले यानी यूनुस अलैही सलाम ) की है
لَّا إِلَـٰهَ إِلَّا أَنتَ سُبْحَانَكَ إِنِّي كُنتُ مِنَ الظَّالِمِينَ
ला इलाहा इल्ला अन्ता सुबहानका इन्नी कुन्तु मिन अज़ ज़ालिमिन
(या अल्लाह) तेरे सिवा कोई इबादत के लायक़ नही , तू पाक है (और) बेशक में क़ुसूरवार हूँ
अल सिलसिला अस साहिहा 2784, मसनद अहमद )
لَّا إِلَـٰهَ إِلَّا أَنتَ سُبْحَانَكَ إِنِّي كُنتُ مِنَ الظَّالِمِينَ
ला इलाहा इल्ला अन्ता सुबहानका इन्नी कुन्तु मिन अज़ ज़ालिमिन
(या अल्लाह) तेरे सिवा कोई इबादत के लायक़ नही , तू पाक है (और) बेशक में क़ुसूरवार हूँ
अल सिलसिला अस साहिहा 2784, मसनद अहमद )
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