अल्लाह ने नाफ़रमान क़ोमों पर तरह तरह के अज़ाब नाजिल किये किसी की शक्ल तब्दील हो गई कोई पानी में गरकाब हो गया किसी क़ोम पर चुहों का अज़ाब आया और ताऊन के मर्ज़मे मुब्तिला हो कर मरते चले गए कहीं मेंढकों की कसरत हो गई के लोग आज़िज़ आ गए और कहीं नाफरमानों के लिये पानी खून में बदल जाता वो प्यासे मर जाते लेकिन मुसलमानों पर ऐसा कोई अज़ाब नहीं आनेवाला उसकी वजह फकत ये ठहरी के हम अल्लाह के आखरी नबी के उम्मती हें वरना आमाल तो हमारे शायद नाफ़रमान क़ोमों जैसे हें हमारी शक्लें ओर सूरतें तो नहीं बदली लेकिन हम जैसे नफरमानों के लिए अल्लाह के अज़ाब की शक्लें बदल गई.

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