Monday, May 18, 2020

शबे क़द्र दुआ की रात



शबे क़द्र ये रात दुआ की क़बूलीयत की रात हे  अपने लिये दोस्तो अहबाब के लिये वालिदेन के लीये और तमाम गुजरे हुवे लोगों के लिये मग़फिरत की दुआ करनी चाहिये। हज़रत सूफियान सौरी के नज़दीक इस रात में दुआ में मशगुल होना सब से बेहतर हे।दुआओं में सब से बेहतर वो दुआ हे जो हज़रत आयशा से मनकुल हे

اللّٰھُمَّ إِ نَّکَ عَفُوٌّ تُحِبُّ الْعَفْوَ فَاعْفُ عَنِّیْ‘‘ (ترمذی رقم ۳۸۲۲)

ऐ अल्लाह तु माफ करनेवाला हे और माफ करने को पसन्द करता हे तो मुझे भी माफ फरमा दे.

No comments:

Post a Comment