Friday, May 29, 2020

इस्तिगफार क्या हे





*अस्सलामु अलयकुम वरहमतुल्लाही वबरकातुहु*

*इस्तिगफार क्या हे,उसके कलीमात् कोन्से हें और कब करना चाहिये?*

*बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम*

*नहमदुहु व नुसल्ली अला रसूलिहिल करीम*

*मग़फिरत तलब करना,जब इंसान से गुनाह हो जाए और इंसान उस पर नादीम (शरमिंदा) हो गया कि मैंने अल्लाह तआला की नाफरमानी की है फिर अल्लाह से अपने गुनाहों की माफी मांगने लगा तो शरीयत में उसे इस्तिगफार कहा जाता है*


 وَانِ اسْتَغْفِرُوْا رَبَّکُمْ ثُمَّ تُوْبُوْٓا اِلَیْهِ یُمَتِّعْکُمْ مَّتَاعًا حَسَنًا.

*और यह कि तुम अपने रब से मगफिरत तलब करो फिर तुम उसके हुजूर तौबा करो वह तुम्हें वकते मुअय्यन तक अच्छी मताअ से लुत्फ अन्दौज रखेगा*(सु,हुद)

*जो शख्स चाहता है कि कयामत के दिन उसका आमाल नामा उसको खुश कर दे तो उसे चाहिए कि कसरत के साथ इस्तिगफार करे*(हदीस)

*इस्तिगफार के लिए कोई वक्त मुतय्यन नहीं है जब भी गुनाह हो जाए तो फौरन अल्लाह की बारगाह में सच्चे दिल से ईस्तिगफार किया जाए*

*इस्तिगफार के आसान कलमात यह हैं*

*अस्तगफिरुल्लाह रब्बी मिन कुल्ली जम्बिव व अतुबू इलयही*

*रब्बीग फिर वरहम व अन्त खैरूर राहीमिन*

*अपने गुनाहों को याद करके सच्चे दिल से इनमें से किसी एक कलमे की रोजाना तस्बीह करते रहें*

*मुहम्मद इमरान पटेल*
खादिम,मदीना मस्जिद
लुसाका (ज़ाम्बीया)

fb.com/imranpatel
fb.com/moulanaimranpatel
twitter.com/Imranptl1
Instagram.com/imranptl1
imranzangharvi.blogspot.com

1 comment: