जन्नत में सो दर्जे हें। हर दो दर्जे के दरमियान इतना फास्ला हे जितना आसमान और ज़मीन के दरमियान हे। और फिरदोस सब जन्नतों से आला हे उसी फिरदोस से बहिश्त की चारो नेहरें निकलती हे और फिरदोस ही की उपर अर्शे इलाही हे, पस तुम अल्लाह से जन्नत मांगो तो जन्नतुल फिरदोस मांगो।
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