और जब सागर में तुम्हें कोई तकलीफ पहुँचती है तो जिन (देवताओं) को तुम पुकारा करते हो, वह सब गाएब हो जाते हैं। केवल अल्लाह ही अल्लाह रह जाता है। फिर जब अल्लाह तुम्हें बचा कर थल/धर्ती तक पहुँचा देता है तो तुम (अल्लाह से) मुँह मोड़ लेते हो। और मनुष्य बड़ा एहसान फरामोश है।
No comments:
Post a Comment